PM Kisan Tractor Subsidy Yojana 2025: प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर सब्सिडी योजना किसानों को खेती में आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण को बढ़ावा देना है ताकि किसानों की मेहनत कम हो, लागत घटे और उत्पादन में वृद्धि हो। ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरण खेती को तेज, प्रभावी और आर्थिक रूप से लाभकारी बनाते हैं।
हालांकि, “प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना” नाम से कोई अलग सरकारी योजना मौजूद नहीं है। यह सहायता वास्तव में कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (Sub-Mission on Agricultural Mechanization – SMAM) के तहत दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण खरीदने के लिए 40% से 50% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके अलावा, सामूहिक उपयोग हेतु कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक बनाने पर भी अनुदान दिया जाता है।
योजना क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए SMAM योजना चलाई जाती है। इस योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर, पावर टिलर और अन्य कृषि उपकरणों पर 40% से 50% तक वित्तीय सहायता दी जाती है। छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अतिरिक्त, किसान संगठनों, एफपीओ, सहकारी समितियों और पंचायतों को कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने के लिए 80% तक सब्सिडी मिल सकती है।
PM Kisan Tractor Subsidy Yojana 2025 Overview
शीर्षक | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | PM Kisan Tractor Subsidy Yojana 2025 |
योजना का प्रकार | केंद्र प्रायोजित |
मुख्य उद्देश्य | कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना |
लाभ | ट्रैक्टर व कृषि उपकरण पर 40-50% सब्सिडी |
अतिरिक्त सहायता | कस्टम हायरिंग सेंटर हेतु 80% सब्सिडी |
लाभार्थी | किसान, एफपीओ, सहकारी समितियां, पंचायतें |
संचालन | केंद्र व राज्य सरकार |
उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों और ट्रैक्टरों तक सुलभ पहुंच उपलब्ध कराना है। खेती में मैनुअल श्रम अधिक समय लेने वाला और महंगा साबित होता है, जबकि मशीनरी का उपयोग करके समय की बचत और उत्पादन में वृद्धि होती है। विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए ट्रैक्टर खरीदना आर्थिक रूप से कठिन होता है, इसलिए सरकार उन्हें सब्सिडी देकर मदद करती है।कृषि यंत्रीकरण से न केवल खेती में तेजी आती है बल्कि मजदूरी लागत कम होती है, समय पर बुआई और कटाई संभव होती है, जिससे पैदावार बढ़ती है। साथ ही, सामूहिक उपयोग के लिए केंद्रों की स्थापना से किसानों को उपकरण किराए पर भी उपलब्ध हो जाते हैं।
योजना के लाभ
- वित्तीय सहायता: ट्रैक्टर और अन्य उपकरण खरीद पर 40-50% तक सब्सिडी।
- उत्पादकता में वृद्धि: खेती तेज और आधुनिक होती है।
- लागत में कमी: मजदूरी और समय दोनों की बचत।
- सामूहिक उपयोग: कस्टम हायरिंग सेंटर से उपकरण किराए पर मिलते हैं।
- ग्रामीण युवाओं के लिए अवसर: मशीनरी बैंक खोलने पर 80% तक अनुदान।
पात्रता
- लाभार्थी भारतीय किसान होना चाहिए।
- किसान के पास कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व होना आवश्यक है।
- पहले से इस योजना का लाभ न लिया हो।
- एफपीओ, सहकारी समिति, पंचायत, महिला समूह भी पात्र हैं।
- आवेदक को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अन्य शर्तें पूरी करनी होंगी।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- जमीन के दस्तावेज (खसरा, खतौनी, 7/12, लगान रसीद)
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जाति प्रमाणपत्र (आरक्षित वर्ग के लिए)
- उपकरण खरीद का कोटेशन
आवेदन कैसे करें?
- सबसे पहले अपने राज्य के कृषि विभाग या DBT पोर्टल पर जाएँ।
- किसान पंजीकरण करें और लॉगिन करें।
- ट्रैक्टर सब्सिडी योजना का चयन करें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें और आवेदन नंबर नोट कर लें।
- सत्यापन के बाद चयनित किसानों को अनुदान स्वीकृत किया जाएगा।
- ट्रैक्टर खरीदने के बाद सब्सिडी राशि किसान के बैंक खाते में सीधे जमा की जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: क्या प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना नाम की कोई योजना है?
उत्तर: नहीं। यह नाम सोशल मीडिया पर प्रचलित है। असल में यह लाभ कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन के तहत दिया जाता है।
प्रश्न 2: किसानों को कितनी सब्सिडी मिलती है?
उत्तर: सामान्य श्रेणी के किसानों को 40% और एससी/एसटी व छोटे किसानों को 50% तक सब्सिडी मिलती है।
प्रश्न 3: आवेदन के लिए कोई शुल्क है?
उत्तर: नहीं, यह प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है। अगर कोई शुल्क मांगता है, तो वह धोखाधड़ी है।
प्रश्न 4: क्या कोई किसान दोबारा लाभ ले सकता है?
उत्तर: नहीं, एक किसान केवल एक बार इस योजना का लाभ ले सकता है।
प्रश्न 5: क्या महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं और उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
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