Haryana Cotton Anudan Yojana:- हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई कपास अनुदान योजना किसानों को आर्थिक सहायता देने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत कपास की खेती करने वाले किसानों को बीटी कपास की बुवाई, सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrient) और एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) के लिए सब्सिडी दी जाती है। योजना का मुख्य उद्देश्य कपास उत्पादन को बढ़ावा देना, खेती की लागत को कम करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
किसानों को प्रति एकड़ ₹2000 तक या कुल लागत का 50%, जो भी कम हो, सब्सिडी के रूप में दी जाती है। एक किसान अधिकतम 2 एकड़ तक का लाभ उठा सकता है। यह योजना कपास उत्पादन को टिकाऊ बनाने, फसल की गुणवत्ता सुधारने और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Haryana Cotton Anudan Yojana Overview
बिंदु | विवरण |
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योजना का नाम | Haryana Cotton Anudan Yojana |
लॉन्च करने वाला | हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग |
लक्षित समूह | हरियाणा राज्य के कपास किसान |
सब्सिडी | ₹2000 प्रति एकड़ या लागत का 50% |
अधिकतम लाभ | प्रति किसान 2 एकड़ तक |
आवेदन माध्यम | ऑनलाइन (मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल) |
लागू क्षेत्र | हरियाणा के कपास उगाने वाले जिले |
अंतिम तिथि | 30 सितम्बर 2025 |
भुगतान का तरीका | सीधे बैंक खाते में DBT के माध्यम से |
योजना का उद्देश्य
हरियाणा कपास अनुदान योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के कपास किसानों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके फसल की पैदावार बढ़ाने में सहायता करना है। कपास की खेती में कीट और बीमारियों का प्रकोप अधिक होता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को IPM तकनीक अपनाने, सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करने और बीटी कपास के बीज लगाने के लिए प्रेरित करती है।
इसके अलावा, इस योजना का उद्देश्य कृषि लागत को कम करना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना भी है। सरकार चाहती है कि किसान रसायनों के अत्यधिक उपयोग से बचें और संतुलित तरीके से फसल सुरक्षा के उपाय अपनाएं। इस योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, उनकी आय बढ़ेगी और खेती टिकाऊ होगी।
योजना के लाभ
- किसानों को ₹2000 प्रति एकड़ या लागत का 50% तक की आर्थिक सहायता मिलती है।
- IPM और सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रयोग से फसल स्वस्थ रहती है और उत्पादन बढ़ता है।
- रासायनिक दवाओं पर निर्भरता कम होती है, जिससे पर्यावरण संरक्षण होता है।
- किसानों की खेती की लागत कम होती है और शुद्ध लाभ बढ़ता है।
- यह योजना पूरी तरह पारदर्शी है और भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है।
पात्रता मानदंड
- आवेदक हरियाणा का निवासी होना चाहिए।
- किसान के पास कपास की खेती के लिए जमीन होनी चाहिए।
- किसान ने “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकरण कराया हो।
- किसान केवल 2 एकड़ तक की भूमि के लिए अनुदान प्राप्त कर सकता है।
- किसान को अधिकृत विक्रेता से सामग्री खरीदनी होगी।
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड (पहचान के लिए)
- परिवार पहचान पत्र (PPP)
- भूमि संबंधित दस्तावेज़ (खसरा, खतौनी या पट्टा)
- कपास फसल की जानकारी का विवरण
- बैंक खाता विवरण (सब्सिडी के लिए)
- खरीद का बिल (मान्यता प्राप्त विक्रेता से)
आवेदन प्रक्रिया
- पंजीकरण करें – सबसे पहले “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकरण करें।
- फसल विवरण भरें – पोर्टल पर कपास की खेती का विवरण दें।
- खरीदारी करें – अधिकृत विक्रेता से सूक्ष्म पोषक तत्व और IPM सामग्री खरीदें।
- बिल अपलोड करें – खरीदी गई सामग्री का बिल पोर्टल पर अपलोड करें।
- सत्यापन होगा – कृषि विभाग के अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
- अनुदान मिलेगा – सत्यापन के बाद अनुदान की राशि सीधे आपके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: इस योजना के तहत सब्सिडी कितनी मिलेगी?
उत्तर: ₹2000 प्रति एकड़ या कुल लागत का 50%, जो भी कम हो।
प्रश्न 2: एक किसान को अधिकतम कितने एकड़ के लिए लाभ मिलेगा?
उत्तर: अधिकतम 2 एकड़ तक।
प्रश्न 3: आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?
उत्तर: 30 सितम्बर 2025।
प्रश्न 4: क्या बिना MFMB पंजीकरण के आवेदन कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, पंजीकरण अनिवार्य है।
प्रश्न 5: भुगतान कैसे होगा?
उत्तर: सत्यापन के बाद राशि सीधे बैंक खाते में जमा होगी।
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