Jharkhand Millet Mission Yojana 2025:- झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “झारखंड मिलेट मिशन योजना 2025” की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मोटे अनाज (मिलेट्स) जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो और कुटकी के उत्पादन को बढ़ावा देना है। झारखंड के आदिवासी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेट्स का उत्पादन पारंपरिक रूप से होता रहा है, लेकिन आधुनिक खेती तकनीक और बाज़ार की कमी के कारण यह फसल धीरे-धीरे उपेक्षित हो गई।
इस योजना के तहत किसानों को बीज, तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और विपणन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि ग्रामीण परिवारों को सस्ती और पौष्टिक आहार भी मिलेगा। इसके अलावा यह योजना जलवायु परिवर्तन के दौर में टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगी क्योंकि मिलेट्स कम पानी में भी अच्छी उपज देते हैं।
योजना क्या है
झारखंड मिलेट मिशन योजना एक सरकारी पहल है, जिसके अंतर्गत किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना में उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग और मार्केटिंग तक की संपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार किसानों को वित्तीय सहायता, बीज वितरण, प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण और बाज़ार तक पहुँच सुनिश्चित करेगी।
Jharkhand Millet Mission Yojana 2025 Overview
योजना का नाम | Jharkhand Millet Mission Yojana 2025 |
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राज्य | झारखंड |
शुरूआत | 2025 |
लाभार्थी | राज्य के किसान और ग्रामीण परिवार |
उद्देश्य | मिलेट्स उत्पादन, पोषण सुरक्षा और किसानों की आय में वृद्धि |
विभाग | कृषि एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों |
योजना का उद्देश्य
झारखंड मिलेट मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसानों की आय को दोगुना करना है। वर्तमान समय में कुपोषण की समस्या झारखंड के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में सबसे बड़ी चुनौती है। मिलेट्स अत्यधिक पौष्टिक अनाज हैं जिनमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों को कम किया जा सकता है।
इस योजना के जरिए सरकार न केवल किसानों को टिकाऊ खेती की ओर प्रोत्साहित करना चाहती है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देना चाहती है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए मिलेट्स खेती एक बेहतर विकल्प है क्योंकि यह कम पानी और खराब मिट्टी में भी आसानी से उगते हैं।
योजना का लाभ
- किसानों को मुफ्त या सब्सिडी पर बीज उपलब्ध होंगे।
- आधुनिक तकनीक और कृषि उपकरण पर सहायता दी जाएगी।
- किसानों को प्रशिक्षण और वर्कशॉप के जरिए जानकारी दी जाएगी।
- मिलेट्स की फसल का सरकारी खरीद और उचित मूल्य पर विपणन सुनिश्चित होगा।
- ग्रामीण परिवारों को सस्ती और पौष्टिक खाद्यान्न मिलेगा।
- कुपोषण की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी।
- महिलाओं और छोटे किसानों को विशेष प्राथमिकता मिलेगी।
- जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा मिलेगा।
योजना की पात्रता
- आवेदक झारखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- किसान या खेतिहर मजदूर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- छोटे और सीमांत किसान प्राथमिकता पर शामिल होंगे।
- महिलाएं और आदिवासी समुदाय विशेष पात्रता में शामिल हैं।
- आवेदक के पास कृषि योग्य भूमि या सामूहिक खेती की पात्रता होनी चाहिए।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- जमीन से संबंधित दस्तावेज या खेत की जानकारी
- बैंक खाता पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- आय प्रमाण पत्र
योजना के लिए आवेदन कैसे करें
- सबसे पहले किसान झारखंड कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- पोर्टल पर “मिलेट मिशन योजना” के आवेदन लिंक पर क्लिक करें।
- आवेदन फॉर्म में मांगी गई जानकारी जैसे नाम, पता, आधार नंबर, बैंक खाता विवरण भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म को सबमिट करने के बाद आवेदन नंबर सुरक्षित रखें।
- ऑफलाइन आवेदन करने के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या पंचायत भवन में संपर्क कर सकते हैं।
- आवेदन की स्थिति को ऑनलाइन पोर्टल से ट्रैक किया जा सकता है।
F&Q
प्रश्न 1: झारखंड मिलेट मिशन योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?
उत्तर: इस योजना का लाभ राज्य के छोटे, सीमांत, महिला और आदिवासी किसानों को मिलेगा।
प्रश्न 2: क्या इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य है?
उत्तर: नहीं, किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
प्रश्न 3: इस योजना के अंतर्गत कौन-कौन से अनाज शामिल हैं?
उत्तर: बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, कुटकी आदि मोटे अनाज शामिल किए गए हैं।
प्रश्न 4: किसानों को कौन-कौन सी सहायता मिलेगी?
उत्तर: किसानों को बीज, प्रशिक्षण, उपकरण, वित्तीय सहायता और विपणन की सुविधा दी जाएगी।
प्रश्न 5: क्या यह योजना कुपोषण की समस्या का समाधान करेगी?
उत्तर: हां, मिलेट्स पौष्टिक अनाज हैं और इनके सेवन से कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियां कम होंगी।
प्रश्न 6: योजना का संचालन कौन सा विभाग करेगा?
उत्तर: इस योजना का संचालन कृषि एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार करेगी।
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