Mangla Pashu Bima Yojana 2025: भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां किसानों की आजीविका का मुख्य आधार खेती और पशुपालन है। पशुधन किसानों के लिए आय और आजीविका का महत्वपूर्ण साधन है, लेकिन अक्सर बीमारियों, दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण पशुओं की मृत्यु हो जाती है। इससे किसान को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने मंगला पशु बीमा योजना 2025 शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत किसानों और पशुपालकों के पालतू एवं दुधारू पशुओं का बीमा किया जाएगा ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में उन्हें आर्थिक सहयोग मिल सके। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और पशुपालन को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Mangla Pashu Bima Yojana 2025 क्या है
मंगला पशु बीमा योजना 2025 एक सरकारी पहल है जिसके अंतर्गत गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट, घोड़ा और अन्य पालतू पशुओं का बीमा किया जाएगा। बीमा कराने पर यदि पशु की मृत्यु बीमारी, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से होती है तो किसान को सरकार द्वारा निर्धारित राशि का मुआवजा मिलेगा। इस योजना का संचालन पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा किया जाएगा और इसका लाभ पूरे राज्य के किसान उठा सकेंगे।
Mangla Pashu Bima Yojana 2025 Overview
योजना का नाम | Mangla Pashu Bima Yojana 2025 |
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किसने शुरू की | राजस्थान राज्य सरकार |
लाभार्थी | किसान और पशुपालक |
उद्देश्य | पशुधन को सुरक्षा देना और आर्थिक नुकसान से बचाना |
बीमा कवर | गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट, घोड़ा आदि |
लाभ | पशु मृत्यु की स्थिति में मुआवजा |
विभाग | पशुपालन एवं डेयरी विभाग |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन / ऑफलाइन दोनों |
वर्ष | 2025 |
योजना का उद्देश्य
मंगला पशु बीमा योजना 2025 का मुख्य उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। अक्सर पशु बीमारियों, सड़क दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, आंधी या बिजली गिरने की वजह से मर जाते हैं। ऐसे में किसान को न केवल दूध उत्पादन में नुकसान होता है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो जाती है।
इस योजना के माध्यम से सरकार चाहती है कि किसानों को उनके पशुओं की हानि की स्थिति में उचित मुआवजा मिल सके। इसके अलावा योजना का उद्देश्य किसानों को पशुपालन के प्रति जागरूक करना, उच्च नस्ल के पशुओं को सुरक्षित रखना और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना भी है। इस प्रकार यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक सिद्ध होगी।
योजना का लाभ
- पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर बीमा राशि का लाभ मिलेगा।
- किसानों और पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होगी।
- पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
- उच्च नस्ल के पशुओं को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
- बीमा राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
- किसानों को पशुपालन के प्रति जागरूक किया जाएगा।
- योजना से दूध उत्पादन में स्थिरता आएगी।
योजना की पात्रता
- लाभार्थी किसान या पशुपालक होना चाहिए।
- आवेदक के पास बीमा कराने योग्य पशु होना अनिवार्य है।
- पशु स्वस्थ एवं बीमारियों से मुक्त होना चाहिए।
- आवेदक संबंधित राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- केवल वही पशु शामिल होंगे जो सरकार की सूची में आते हैं।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- राशन कार्ड (यदि लागू हो)
- पशु की पहचान से संबंधित दस्तावेज (कान में टैग या फोटो)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
योजना के लिए आवेदन कैसे करें
- सबसे पहले लाभार्थी को आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा।
- वहां “मंगला पशु बीमा योजना 2025” के विकल्प पर क्लिक करें।
- अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और सभी जानकारी सही-सही दर्ज करें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद रसीद प्राप्त करें।
- सत्यापन के बाद आपके पशु का बीमा हो जाएगा।
- ऑफलाइन आवेदन के लिए किसान नजदीकी पशुपालन विभाग कार्यालय जाकर आवेदन पत्र भर सकते हैं।
FAQ
प्रश्न 1: मंगला पशु बीमा योजना 2025 क्या है?
उत्तर: यह योजना किसानों और पशुपालकों के पशुओं का बीमा कराने के लिए शुरू की गई है ताकि पशु की मृत्यु पर आर्थिक सहायता मिल सके।
प्रश्न 2: इस योजना का लाभ किसे मिलेगा?
उत्तर: राज्य के सभी किसान और पशुपालक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
प्रश्न 3: बीमा में कौन-कौन से पशु शामिल हैं?
उत्तर: गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट, घोड़ा और अन्य पालतू पशु शामिल हैं।
प्रश्न 4: योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: किसान ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं या नजदीकी पशुपालन विभाग कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
प्रश्न 5: बीमा राशि कैसे मिलेगी?
उत्तर: बीमा राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
प्रश्न 6: क्या यह योजना पूरे भारत में लागू होगी?
उत्तर: फिलहाल यह योजना राज्य स्तर पर शुरू की गई है, लेकिन धीरे-धीरे अन्य राज्यों में भी लागू की जा सकती है।
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